CARDS – The Organisation

Established in 2020 by retired civil servants, eminent academicians, legal professionals, and leading public personalities, Centre for Advanced Research and Development Studies (CARDS) is a Siwan, Bihar based think tank and research institute. This organization works for the empowerment of society through empirical research works and in-depth studies of contemporary challenges to our democracy, nation, and society.

Read More ..

Webinar Report of “Online Webinar on Environment, Ecology and Culture in India”

नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी (धनबाद), ह्यूमन एम्पावरमेंट एंड डेवलपमेंट सोसाइटी (वाराणसी), माय ड्रीम लाइफ फाउंडेशन (जमशेदपुर) एवं सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टडीज (सिवान) के संयुक्त तत्वाधान में ‘राष्ट्रीय युवा संवाद’ (नेशनल यूथ डायलाग) के तृतीय सत्र, जिसका विषय ‘भारत में पर्यावरण, पारिस्थितिकी और संस्कृति’ था, का आयोजन रविवार को ऑनलाइन ज़ूम प्लेटफार्म पर किया गया। बतौर मुख्य अतिथि रामाशीष सिंह, क्षेत्र संयोजक, प्रज्ञा प्रवाह, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखण्ड ने कहा कि हम प्रकृति का ही हिस्सा है, इससे अलग हमारा अस्तित्व नहीं है। प्रकृति हमारी माँ है और प्रकृति से हमारा संबंध संतान का है।

आमंत्रित युवाओ में धनबाद के युवा समाजसेवी व नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी धनबाद के संयुक्त सचिव मिथलेश दास ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए अहिंसा, स्वदेशी, ग्रामीण विकास एवं प्रकृति प्रेम के विचारो को पुन: स्थापित करने की आवश्यकता है। जीवन का शाश्वत दर्शन प्रकृति की छाया में मिला, गौतम बुद्ध को निर्वाण तक वट वृक्ष के नीचे प्रकृति में मिला तो हमेशा से प्रकृति और मानव में सहचर का संबंध रहा है, उसे बनाए रखना आवश्यक है।

महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के शोधार्थी दीना नाथ यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में वैकल्पिक ऊर्जा को स्थान दिया जाना आवश्यक है। धनबाद के लेखक व शिक्षक सुमित घोषाल कहा कि आज समय है शिक्षा और पर्यावरण को साथ जोड़ने का, जिससे पर्यावरण का संरक्षण संभव हो सके। नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी धनबाद के संस्थापक प्रो. रामचंद्र कुमार ने कहा कि आज पर्यावरणीय चिंता एक महत्वपूर्ण विषय के रूप मे हमारे बीच उपस्थित है तो इसपर विस्तृत विचार करने की आवश्यकता है। इस पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता बीबीएमकेयू, धनबाद के मनोविज्ञान विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ आर.एस. यादव ने किया। उन्होंने कहा की प्रकृति के साथ मनोवैज्ञानिक विषय का समावेशन होना चाहिए।

तृतीय सत्र के कार्यक्रम का संचालन धनबाद के युवा समाजसेवी व एनआरडीएस धनबाद के सदस्य अजय कुमार रवानी, स्वागत गीत धनबाद की शिक्षिका प्रत्युषा मुखर्जी, परिचय भाषण धनबाद की शिक्षिका सीमा कुमारी, कार्यक्रम की समीक्षा बोकारो स्टील सिटी कॉलेज बोकारो के असिस्टेंट प्रोफेसर अंजलि पूनम बेक एवं धन्यवाद ज्ञापन शिक्षिका राधा कुमारी तथा तकनीकी सहयोग एनआरडीएस धनबाद के सदस्य राजन कुमार और जितेंद्र देवगन ने किया।

पूरे कार्यक्रम का मार्गदर्शन व संरक्षण डॉ. अमरनाथ पासवान, डॉ. सुनील कुमार सुमन, डॉ. मुनेश कुमार, डॉ. तनवीर यूनुस, आर.एस.पी. कॉलेज झरिया के रितेश रंजन, रामचंद्र कुमार, एतवा टूटी, डॉ. निलेश सिंह, डी.के. चौबे, डॉ. मुकुंद रविदास, डॉ. श्याम किशोर प्रसाद, मनीष चंद्रा, माला मेश्राम, बिनोय मिंज, अशोक चौबे, डॉ. भावना कुमारी, अंजलि पूनम बेक, विजय कुमार विश्वकर्मा, भागवत राम आदि कई शिक्षाविद कर रहें हैं।

भारत में पर्यावरण, पारिस्थितिकी और संस्कृति विषय पर राष्ट्रीय युवा संवाद के तृतीय सत्र का आयोजन