Webinar Report of “4th session of online webinar series “National Youth Dialogue”

नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी धनबाद, ह्यूमन एम्पावरमेंट एंड डेवलपमेंट सोसाइटी वाराणसी, माय ड्रीम लाइफ फाउंडेशन जमशेदपुर एवं सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टडीज सिवान, बिहार के संयुक्त तत्वाधान में ‘राष्ट्रीय युवा संवाद’ (नेशनल यूथ डायलाग) के चतुर्थ सत्र का आयोजन रविवार को ऑनलाइन ज़ूम प्लेटफार्म पर किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप बॉलीवुड के जाने माने गीतकार डॉ. सागर थे जिन्होंने हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी भोजपुरी रैप “बम्बई में का बा” को कलमबद्ध किया है. डॉ. सागर ने अपने जीवन यात्रा के संघर्ष की बात की और ग्रामीण एवं पिछड़े प्रदेश में रहने वाले युवाओं को संगीत के दुनिया में अवसरों से परिचय कराया उन्होंने गीतों एवं संगीतों के व्यवसायीकरण को भोजपुरी एवं अन्य प्रांतीय भाषाओं के गीतों में अश्लीलता का प्रमुख कारण बताया एवं लेखकों एवं गीतकारों को मौलिक गीतों की रचना के लिए आगे आने का आह्वान किया.

पी.एम.सी.एच., धनबाद के प्रसिद्ध डाॅ. राजश्री भूषण ने “भारत में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा: मुद्दे, चुनौतियाँ एवं आगे का रास्ता” विषय पर अपनी बात रखी और बताया कि अगर आम जनता सरकारी हॉस्पिटल एवं स्वास्थ्य सेवा पर भरोसा नहीं जताती तो आने वाले समय में निजी अस्पतालों पर निर्भर होने के लिए आम जनता को तैयार रहना पड़ेगा. उन्होंने युवाओं को खुशहाल जीवन के लिए स्वस्थ रहें, मस्त रहें और व्यस्त रहें का मंत्र दिया.

एस.आर.एस.ए.टी.टी. कॉलेज, हजारीबाग की सहायक प्राध्यापिका श्यामली सलकर ने कहा कि युवाओं को प्रतिशोध के बदले परिवर्तनगामी सोच रखनी होगी क्योंकि आज का युवा स्वयं ही अपना पथप्रदर्शक है. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विधि संकाय से एल.एल.एम. किये रंजीत पासवान ने समकालीन भारत में नागरिक संहिता की आवश्यकता विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि नागरिक संहिता लागू करना आसान नहीं है किन्तु भारत जैसे लोकतंत्र के लिए यह जरुरी है.

इस पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता बीबीएमकेयू, धनबाद के राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ अमूल्य सुमन बेक ने की. उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम समाज में जागरूकता लाने में महती भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को पढ़ने की प्रवृति को बढ़ाना होगा, अब लोगों का पुस्तकों से रिश्ता पहले सा नहीं रहा.

पूरे कार्यक्रम के मॉडरेटर धनबाद के शिक्षक व नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी, धनबाद के संयुक्त सचिव मिथलेश दास थे. संचालन दिल्ली के लेखक आलोक कुमार, स्वागत गीत आसनसोल की शिक्षिका अपूर्वा चौहान, स्वागत भाषण एनआरडीएस, धनबाद के सदस्य राजन कुमार, परिचय भाषण धनबाद की प्रशिक्षु शिक्षिका निशा मुखर्जी एवं धन्यवाद ज्ञापन एनआरडीएस धनबाद के सदस्य सतीश कुमार तथा तकनीकी सहयोग एनआरडीएस धनबाद के सदस्य अजय कुमार रवानी, जितेंद्र देवगन, श्रवण कुमार ने किया.

प्रांतीय भाषाओं के गीतों में बढ़ती अश्लीलता का कारण गीत-संगीत का व्यावसायीकरण व बाजारीकरण है: डॉ. सागर

Webinar Report of “Online Webinar on Environment, Ecology and Culture in India”

नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी (धनबाद), ह्यूमन एम्पावरमेंट एंड डेवलपमेंट सोसाइटी (वाराणसी), माय ड्रीम लाइफ फाउंडेशन (जमशेदपुर) एवं सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टडीज (सिवान) के संयुक्त तत्वाधान में ‘राष्ट्रीय युवा संवाद’ (नेशनल यूथ डायलाग) के तृतीय सत्र, जिसका विषय ‘भारत में पर्यावरण, पारिस्थितिकी और संस्कृति’ था, का आयोजन रविवार को ऑनलाइन ज़ूम प्लेटफार्म पर किया गया। बतौर मुख्य अतिथि रामाशीष सिंह, क्षेत्र संयोजक, प्रज्ञा प्रवाह, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखण्ड ने कहा कि हम प्रकृति का ही हिस्सा है, इससे अलग हमारा अस्तित्व नहीं है। प्रकृति हमारी माँ है और प्रकृति से हमारा संबंध संतान का है।

आमंत्रित युवाओ में धनबाद के युवा समाजसेवी व नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी धनबाद के संयुक्त सचिव मिथलेश दास ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए अहिंसा, स्वदेशी, ग्रामीण विकास एवं प्रकृति प्रेम के विचारो को पुन: स्थापित करने की आवश्यकता है। जीवन का शाश्वत दर्शन प्रकृति की छाया में मिला, गौतम बुद्ध को निर्वाण तक वट वृक्ष के नीचे प्रकृति में मिला तो हमेशा से प्रकृति और मानव में सहचर का संबंध रहा है, उसे बनाए रखना आवश्यक है।

महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के शोधार्थी दीना नाथ यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में वैकल्पिक ऊर्जा को स्थान दिया जाना आवश्यक है। धनबाद के लेखक व शिक्षक सुमित घोषाल कहा कि आज समय है शिक्षा और पर्यावरण को साथ जोड़ने का, जिससे पर्यावरण का संरक्षण संभव हो सके। नवजीवन रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी धनबाद के संस्थापक प्रो. रामचंद्र कुमार ने कहा कि आज पर्यावरणीय चिंता एक महत्वपूर्ण विषय के रूप मे हमारे बीच उपस्थित है तो इसपर विस्तृत विचार करने की आवश्यकता है। इस पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता बीबीएमकेयू, धनबाद के मनोविज्ञान विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ आर.एस. यादव ने किया। उन्होंने कहा की प्रकृति के साथ मनोवैज्ञानिक विषय का समावेशन होना चाहिए।

तृतीय सत्र के कार्यक्रम का संचालन धनबाद के युवा समाजसेवी व एनआरडीएस धनबाद के सदस्य अजय कुमार रवानी, स्वागत गीत धनबाद की शिक्षिका प्रत्युषा मुखर्जी, परिचय भाषण धनबाद की शिक्षिका सीमा कुमारी, कार्यक्रम की समीक्षा बोकारो स्टील सिटी कॉलेज बोकारो के असिस्टेंट प्रोफेसर अंजलि पूनम बेक एवं धन्यवाद ज्ञापन शिक्षिका राधा कुमारी तथा तकनीकी सहयोग एनआरडीएस धनबाद के सदस्य राजन कुमार और जितेंद्र देवगन ने किया।

पूरे कार्यक्रम का मार्गदर्शन व संरक्षण डॉ. अमरनाथ पासवान, डॉ. सुनील कुमार सुमन, डॉ. मुनेश कुमार, डॉ. तनवीर यूनुस, आर.एस.पी. कॉलेज झरिया के रितेश रंजन, रामचंद्र कुमार, एतवा टूटी, डॉ. निलेश सिंह, डी.के. चौबे, डॉ. मुकुंद रविदास, डॉ. श्याम किशोर प्रसाद, मनीष चंद्रा, माला मेश्राम, बिनोय मिंज, अशोक चौबे, डॉ. भावना कुमारी, अंजलि पूनम बेक, विजय कुमार विश्वकर्मा, भागवत राम आदि कई शिक्षाविद कर रहें हैं।

भारत में पर्यावरण, पारिस्थितिकी और संस्कृति विषय पर राष्ट्रीय युवा संवाद के तृतीय सत्र का आयोजन